क्या इस वजह से निरस्त हो जाएंगी आरआरबी ग्रुप सी और ग्रुप डी की परीक्षाएं ?

RRB Recruitment Exam Tender Matter

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भारतीय रेलवे में खाली पदों को भरने और परीक्षाओं को संचालित करने का जिम्मा रेलवे भर्ती बोर्ड का है लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल करके बोर्ड पर आरोप लगाया गया है। जिसमें कहा गया है कि आरआरबी ग्रुप डी और आरआऱबी एएलपी टेक्नीशियन की परीक्षा का संचालन निजी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी कर रही है। जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले को गैर कानूनी करार करते हुए बोर्ड को नोटिस भेजा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने रेलवे परीक्षा संचालन टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को दिए जाने पर केंद्र सरकार और रेलवे भर्ती नियंत्रण बोर्ड (Railway Recruitment Control Board) से जवाब तलब करते हुए नोटिस जारी की है।

आरआरबी परीक्षा में नया खुलासा, प्राइवेट कंपनी टाटा कंसल्टेंसी करवा रही थी रेलवे की भर्ती परीक्षाएं

  • आरआरबी ग्रुप डी और आरआरबी एएलपी भर्ती परीक्षा संचालन में बड़ी गड़बड़ी
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने टीसीएस और रेलवे भर्ती बोर्ड को भेजा नोटिस

Note:-दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका में प्राइवेट कंपनी टीसीएस और रेलवे भर्ती बोर्ड की मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया गया है। जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार, टीसीएस और बोर्ड से 10 दिसंबर से पहले इस गैर कानूनी गतिविधि पर जवाब तलब किया है।

चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वी कामेश्वर राव की बेंच ने डॉ. शैलेंद्र शर्मा की एक जनहित याचिका की सुनवाई की। जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए रेल मंत्रालय के जरिए केंद्र सरकार को, रेलवे भर्ती नियंत्रण बोर्ड और सीबीटी का संचालन करने वाली प्राइवेट कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को नोटिस जारी करके 10 दिसंबरसे पहले जवाब देने को कहा है। दिल्ली हाईकोर्ट के बेंच ने केंद्र सरकार, रेलवे भर्ती नियंत्रण बोर्ड और टीसीएस को 4 सप्ताह का समय देते हुए अगली सुनवाई 10 दिसंबर को तय की है।

याचिका में रेलवे भर्ती नियंत्रण बोर्ड पर आरोप लगाते हुए लिखा गया है कि आरआरबी ग्रुप डी परीक्षा और आरआरबी एएलपी टेक्नीशियन परीक्षा में संविदा (Contract) दिए जाने को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग यानी सीवीसी की गाइडलाइन्स की अनदेखी की गई है। इसके साथ ही टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को बोली के आधार पर कान्ट्रैक्ट देने के बजाय नॉमिनेशन के आधार पर आरआरबी ग्रुप डी परीक्षा और आरआरबी एएलपी टेक्नीशियन परीक्षा संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

याचिकाकर्ता डॉ. शैलेंद्र शर्मा ने अपनी जनहित याचिका में रेलवे नियंत्रण भर्ती बोर्ड सीबीटी परीक्षा संचालन एजेंसी के निर्धारण के लिए 6 फरवरी 2018 को निविदाएं आमंत्रित की थी लेकिन रेलवे भर्ती बोर्ड ने 22 फरवरी को निविदा की तारीख बढ़ा दी थी। रेलवे भर्ती बोर्ड ने 25 जून 2018 को भी कोई कारण बताए बिना ही निविदा को वापस भी ले लिया। ये पूरी तरह से सीवीसी के गाइडलाइन्स का उल्लंघन है क्योंकि इसमें प्राइवेट कंपनी टीसीएस को नॉमिनेशन बेसिस पर कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया था। ऐसी गैर कानूनी गतिविधि में टीसीएस, बोर्ड एक साथ जिम्मेदार हैं।

Updated: September 18, 2018 — 6:56 pm

The Author

Yogesh Mathpal

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